समय एक ऐसी चीज है, जो किसी के लिये नही रुकती। एकबार हाथ से निकला हुआ समय फिर कभी नही हाथ आता । इसलिए तो कहाँ जाता है की, "समय बरबाद मत करो"। पर क्या ऐसा हो सकता की हम हमारा भविष्य या फिर हमारा बीता हुआ कल फिर से देख सकते है। सीधे शब्दो में कहा जाए तो,क्या हम समय यात्रा कर सकते है? इसी विषय पर हम आज चर्चा करेंगे ।
जब अल्बर्ट आइंस्टीन ने थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी ( सापेक्षतावाद ) का सिध्दांत प्रकाशित किया, तो उसी सिध्दांत के आधार पर समय यात्रा की कल्पना करने जाने लगी। अभी तक हम जानते है की किसी भी वस्तु के तीन आयाम होते है ( लंबाई , चौडाई ,उचाई)| पर एक ऐसा चौथा आयाम है, जिससे हम समय यात्रा कर सकते | ( उदा. एक इन्सान 80 साल समय के साथ जींदा रहता है,है ना । मतलब सबकुच समय के साथ ही चल रहा है, इसका मतलब समय की भी लंबाई होती है| इसलिए यहा कहा गया है की समय की यात्रा यानी इस चौथे आयाम के माध्यम से यात्रा करना | )
मैं पहले आपको बताता हूं की भविष्य में कैसे पहुंच सकते है। मान लिजिये की आप हवाई जहाज में बैठे हो,और वो हवाई जहाज प्रकाश की रफ्तार से चल रहा है | ( यहाँ पर मैंने बताया है की, प्रकाश की रफ्तार से चल रहा है। मैं जानता हूँ की प्रकाश की रफ्तार 3x10^8m/s है, यानी प्रकाश की रफ्तार से ज्यादा और तेज इस दुनिया में और कुछ भी नही है। पर हम मान लेते की हमने इंधन उतना उस हवाई जहाज में भरा है की, हम प्रकाश की रफ्तार से चले और हम मान लेते है की,हमने ऐसा हवाई जहाज बनाया है की वो प्रकाश के गती से चले | ) अब क्या होगा ? आईंस्टाईन की स्पेस टाईम के समीकरण अनुसार अगर कोई चीज जितनी तेज चलेगी उस चीज के लीये समय उतना धीरे चलेगा | यानी हवाई जहाज में बैठे हुए लोग जब वो हवाई जहाज रुकने के बाद उतरेंगे तब वो भविष्य में पहुंचे होंगे |
अब हम बात करेंगे वर्महोल के बारे में। वर्महोल एक ऐसा छेद होता है जिससे हम कही भी आ-जा सकते है। यानी वर्महोल से हम समय यात्रा कर सकते है। यह सुरंग लगातार बनते है और नष्ट होते रहते है, वास्तव मे ये अलग - अलग स्थानो और अलग - अलग समय को जोडते है| पर वर्महोल बहुत सुक्ष्म होते हैं । वो इतने छोटे होते है की हमारे आंखों को भी नही दिख सकते । समय यात्रा करना जितना आसान लगता है उतना आसान है नही| ऐसा मैं क्यू कह रहा हूं ,एक उदाहरण से बताता हूँ। मान लिजिये आपने एक बडा वर्महोल बना लिया,और आप इस वर्महोल से अपने पीछले काल में जाकर अपने आपको ही मार दिया तो क्या होगा? अगर आप भूतकाल में ही नही हो तो भविष्य में कैसे रहोगे | आसान भाषा में कहा जाए, तो उसका कोई मतलब नही बनता | स्टिफन हॉकींग ने कुछ साल पहले समय यात्रा पर एक प्रयोग किया था। उन्होंने भविष्य से आने वालों(Time travelers) के लिए एक पार्टी रखी| पर उस पार्टी में भविष्य से कोई नही आया था, और उस वक्त उन्होने उपर दिखाया गया उदाहरण दिया और स्टिफन हॉकिंग ने कहा की, 'अंत में मुझे लगता है की इस तरह के वर्महोल मौजूद ही नही हो सकते जो आपको अतीत या भविष्य की सैर करा सके। और इसिलिए मेरे पार्टी में कोई नहीं आया |' और बाद मे उन्होंने कहा की,'हम किसी भी माध्यम से भूतकाल या भविष्यकाल में नही जा सकते क्योंकि ऐसी स्थिति में हम भूतकाल या भविष्यकाल को बदलने लगेंगे और यही हम विरोधाभास को उत्तपन्न कर देंगे | इसका मतलब ये नहीं है की हम कभीभी समय यात्रा नहीं कर सकते,समय यात्रा कर सकते हैं पर सिर्फ 'भविष्य' की| '
अब आप समझ ही गए होंगे समय यात्रा के बारें में| आज हमारे पास इतना तंत्रज्ञान नही है की हम समय यात्रा कर सकते है ,पर मुझे लगता है की भविष्य में जरुर कर पाऐंगे । वैज्ञानिकोंने पाच सिध्दांत बताए है समय यात्रा के उसमे से मैंने दो ही सिध्दांत इस ब्लाॅग मे बताए है,बाकी के तीन सिध्दांत अगले ब्लाॅग मे बताऊंगा | तब तक के लिये यही रूकता हुं |
Thank you
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(सूचना- इसकी जानकारी मुझे इंटरनेट के माध्यम से मिली है | किसी को भी चोट पहुचे ऐसा इरादा नहीं है| लोगो को नयी जानकारी मिले इसके लिए मैंने ये वेबसाईट निकाली है|)
Very nice concept
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